JSSC CGL Syllabus जितने भी उम्मीदवार झारखंड में जॉब करना चाहते हैं और वह Jharkhand CGL की तैयारी कर रहे हैं तो उनके लिए JSSC CGL का सिलेबस जानना बहुत ही जरूरी है। Jharkhand Staff Selection Commission (JSSC) ने Combined Graduate Level Examination का सिलेबस जारी कर दिया है। आप इस सिलेबस को PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।
JSSC CGL Details
Event
Details
Article Name
JSSC CGL Syllabus
Exam Name
General Combined Graduate Level Examination
Organization
Jharkhand Staff Selection Commission
Job Location
Jharkhand
Total Posts
956
Qualification
Graduation Pass
Application Process
Online
Application Fee
₹100 (General) and ₹50 (Reserved)
JSSC CGL Syllabus PDF
JSSC CGL 2023 – परीक्षा पैटर्न
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा झारखंड सचिवालय की परीक्षा O.M.R आधारित होती है। इस परीक्षा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आपको नीचे स्टेप बाय स्टेप उपलब्ध करा दी गई है , यदि परीक्षा विभिन्न समूहों में आयोजित की जाती है, तो Normalisation प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों के अंक समायोजित किए जाएंगे। आयोग द्वारा इस प्रक्रिया का सूत्र आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। मेधा सूची Normalised अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी और परीक्षा परिणाम में उम्मीदवारों को Normalised अंक ही दिए जाएंगे।
परीक्षा का स्वरूप एवं पैटर्न
यह परीक्षा एक चरण (मुख्य परीक्षा) में आयोजित होगी।
सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ (MCQ) और बहुविकल्पीय होंगे।
प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का होगा।
सही उत्तर पर 3 अंक मिलेंगे, जबकि गलत उत्तर पर 1 अंक की कटौती की जाएगी।
भाषा विषयों को छोड़कर अन्य सभी विषयों के प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होंगे।
मुख्य परीक्षा का पैटर्न
मुख्य परीक्षा में तीन पत्र (पेपर) होंगे, जिन्हें तीन पालियों में आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक पेपर की अवधि 2 घंटे होगी।
पत्र – 1 (भाषा ज्ञान)
विषय
कुल प्रश्न
समय
हिंदी भाषा ज्ञान
60
2 घंटे
अंग्रेजी भाषा ज्ञान
60
2 घंटे
कुल
120
2 घंटे
यह पेपर केवल अर्हक (Qualifying) होगा, यानी इसके अंक मेधा सूची में नहीं जोड़े जाएंगे।
इस पेपर में पास होने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषयों को मिलाकर 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
पत्र – 2 (जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा)
भाषा (अभ्यर्थी द्वारा चुनी गई कोई एक भाषा)
कुल प्रश्न
समय
हिंदी / अंग्रेजी / उर्दू / संथाली / बंगला / मुण्डारी (मुण्डा) / हो / खड़िया / कुडूख (उरांव) / कुरमाली / खोरठा / नागपुरी / पंचपरगनिया / उड़िया / संस्कृत
100
2 घंटे
इस पेपर में पास होने के लिए न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
यदि कोई अभ्यर्थी इस पेपर में 30% से कम अंक प्राप्त करता है, तो उसका पत्र-3 (सामान्य ज्ञान) का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
पत्र – 3 (सामान्य ज्ञान)
विषय
कुल प्रश्न
समय
सामान्य अध्ययन
30
2 घंटे
सामान्य विज्ञान
20
2 घंटे
सामान्य गणित
20
2 घंटे
मानसिक क्षमता जाँच
20
2 घंटे
कंप्यूटर का ज्ञान
20
2 घंटे
झारखंड राज्य से संबंधित ज्ञान
40
2 घंटे
कुल
150
2 घंटे
इस पेपर में पास होने के लिए न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
महत्वपूर्ण बातें:
पत्र – 1 (भाषा ज्ञान) केवल अर्हक (Qualifying) है। यदि किसी अभ्यर्थी को 30% से कम अंक मिलते हैं, तो उसे असफल/अयोग्य माना जाएगा, और उसके पत्र-2 एवं पत्र-3 का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
पत्र – 2 (जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा) में 30% से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के पत्र-3 का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
यह परीक्षा पैटर्न उम्मीदवारों की भाषा, सामान्य ज्ञान और तार्किक क्षमता का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करता है, जिससे वे झारखंड सरकार की विभिन्न नौकरियों के लिए उपयुक्त साबित हो सकें।
पत्र – 1 (भाषा ज्ञान)
यह पत्र दो भागों (हिन्दी भाषा और अंग्रेजी भाषा) में विभाजित होगा। इसमें हिन्दी और अंग्रेजी भाषा ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
(क) हिन्दी भाषा ज्ञान
विषय
कुल प्रश्न
हिन्दी अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न (Unseen Passage)
30
हिन्दी व्याकरण पर आधारित प्रश्न
30
कुल
60
इस भाग में हिन्दी अपठित अनुच्छेद (Unseen Passage) और हिन्दी व्याकरण से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
(ख) अंग्रेजी भाषा ज्ञान
विषय
कुल प्रश्न
अंग्रेजी अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न (Unseen Passage)
30
अंग्रेजी व्याकरण पर आधारित प्रश्न
30
कुल
60
इस भाग में अंग्रेजी अपठित अनुच्छेद (Unseen Passage) और अंग्रेजी व्याकरण से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
पत्र – 2 (क्षेत्रीय भाषा)
इस पत्र में उम्मीदवार को निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का चयन करना होगा।
उपलब्ध भाषाएं:
हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, संथाली, बंगला, मुण्डारी (मुण्डा), हो, खड़िया, कुडूख (उरांव), कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया, उड़िया, संस्कृत
भाषा विषय
कुल प्रश्न
चयनित क्षेत्रीय भाषा (किसी एक भाषा का चयन)
100
इस परीक्षा में उम्मीदवार द्वारा चयनित भाषा के 100 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) पूछे जाएंगे।
संथाली भाषा – पाठ्यक्रम
संथाली भाषा के पाठ्यक्रम में व्याकरण, साहित्य, लोक कथा, कहानी, नाटक और निबंध शामिल हैं। नीचे इसका विस्तृत विवरण दिया गया है।
1. व्याकरण (Grammar)
संथाली भाषा व्याकरण के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाएगा:
विषय
विवरण
भाषा परिचय
संथाली भाषा की उत्पत्ति और विशेषताएँ
संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, पुरुष
व्याकरणिक संरचना
क्रिया, काल, विशेषण, अव्यय, प्रत्यय
संथाली भाषा में इनका उपयोग
पहेलियाँ, मुहावरे, भेनता काथा
संथाली भाषा की कहावतें और पहेलियाँ
बुझोबोल, कुद्रुम, सजीव-निर्जीव
शब्दों और उनके अर्थ का ज्ञान
समोच्चारण भिन्नार्थक शब्द
समान ध्वनि वाले भिन्न अर्थ वाले शब्द
लोकोक्ति
संथाली भाषा में प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ
2. साहित्य (Literature)
(i) संथाली लोक साहित्य (Santali Folk Literature)
विषय
विवरण
अर्थ और परिभाषा
संथाली लोक साहित्य की व्याख्या
भाग और विभाग
लोक साहित्य के विभाजन
संतालों का उद्भव और विकास
संताल समुदाय का इतिहास
गोत्र विभाजन
संताल समाज की संरचना
पर्व-त्यौहार और संस्कार
संताल समाज के पारंपरिक त्यौहार और संस्कार
विवाह और मृत्यु
विवाह और मृत्यु से जुड़े रीति-रिवाज
(ii) लोक गीत (Folk Songs)
प्रकार
विवरण
डाहार
पारंपरिक संथाली गीत
बाहा
बाहा पर्व पर गाए जाने वाले गीत
सोहराय
फसल कटाई के समय गाए जाने वाले गीत
काराम
काराम पर्व से जुड़े गीत
दोड
संथाली सांस्कृतिक गीत
विवाह गीत
शादी से संबंधित पारंपरिक गीत
दाँसाय
विशेष अवसरों पर गाए जाने वाले गीत
(iii) संथाली शिष्ट साहित्य (Santali Classical Literature)
रचनाकार
कृति (कविता/कहानी/उपन्यास)
हरिहर हाँसदा
कुङकुरुबुद
बादल मुर्मू
साँवर्हेत
सारदा प्रसाद किस्कू
माराडो
के० सी० टुडू
सेंगेल, बिरसा मुण्डा
रघुनाथ दुइ
तुपुनघाट
डमन हाँसदा
साना, राहला रिमिल
श्यामचरण हेम्ब्रम
चेहरा
3. लोक कथाएँ (Folk Tales)
लोक कथा का नाम
विषय
धारती सिरजाव काथा
पृथ्वी की उत्पत्ति की कथा
मानवा सिरजाव काथा
मानव उत्पत्ति की कथा
पारिस काथा
संथाली परंपराओं की कथा
सेंदराकारका काथा
संथाली इतिहास और संस्कृति
पाराव पुना काथा
संथाली लोक जीवन से जुड़ी कथा
4. कहानी (Short Stories)
रचनाकार
कहानी का नाम
दिगम्बर हाँसदा
माड़घाटी
के० सी० टुडू
तारा आञचार
सोमानाथ बेसरा
आनखा लाहा
चमपावती टुडू
काथा रेनाङ गोनोङ
5. नाटक (Drama)
नाटक का नाम
लेखक
किरित्र सिंदुर
अज्ञात
तिलका मुरमू
अज्ञात
6. निबंध (Essay Writing)
निबंध लेखन के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों पर लेखन किया जाएगा:
विषय
विवरण
सिदो कान्हू हुल
संथाली स्वतंत्रता संग्राम
बाबा तिलका माँझी हुल
तिलका माँझी का विद्रोह
डिबा किसुन हुल
संथाली विद्रोह का इतिहास
बिरसा आंदोलन
बिरसा मुण्डा का संघर्ष
पर्व-त्यौहार
संथाली समाज के प्रमुख पर्व
आगिल हापड़ाम कोवाः काथा
संथाली संस्कृति से जुड़ी कहानियाँ
निष्कर्ष
संथाली भाषा के पाठ्यक्रम में व्याकरण, साहित्य, लोक कथाएँ, कहानियाँ, नाटक और निबंध लेखन शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम संथाली भाषा और उसकी संस्कृति की गहराई को समझने में सहायक होगा।
खड़िया भाषा – पाठ्यक्रम
खड़िया भाषा के पाठ्यक्रम में व्याकरण, लोकगीत, शिष्टगीत, कविताएँ, लोक कथाएँ, आधुनिक कहानियाँ, नाटक और साहित्यिक निबंध शामिल हैं। नीचे इसका विस्तृत विवरण दिया गया है।
1. व्याकरण (Grammar)
खड़िया भाषा के व्याकरण में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
विषय
विवरण
वर्ण विचार
वर्णों का अध्ययन
संज्ञा, सर्वनाम, लिंग, वचन
संज्ञा और सर्वनाम के प्रयोग
कारक, विशेषण, क्रिया, काल
व्याकरणिक संरचना
समास, अव्यय, वाच्य और इसके भेद
वाक्य रचना
विपरीतार्थक शब्द
विलोम शब्द
पर्यायवाची शब्द
समानार्थी शब्द
2. लोकगीत (Folk Songs)
विषय
विवरण
खड़िया लोकगीत की परिभाषा
लोकगीत का अर्थ और महत्व
लोकगीतों का वर्गीकरण
विभिन्न प्रकार के लोकगीत
10 विविध लोकगीत
विभिन्न प्रकार के पारंपरिक लोकगीत
3. शिष्टगीत (Classical Songs)
गीत का नाम
रचनाकार
सेनेल
नुवस केरकेट्टा
जोहार
प्यारा केरकेट्टा
गलगाथा क्रूस दारू तो मलुङ ताय
पादरी सामुएल बागे
दुरङनानिङ आलोङनानिङ दारू तेगा
श्री सामुएल बागे
ए अपा
अज्ञात
सेनेल
अज्ञात
धाइन तेरतेले
अज्ञात
कि तुङ’ अपा
अज्ञात
उमिञ चोना
डॉ. अनिल वीरेन्द्र कुल्लू
भंइहर पो’दा
सुं. प्रफुल्ल सोरेङ
4. कविताएँ (Poems)
कविता का नाम
रचनाकार
लमलम
प्यारा केरकेट्टा
26 जनवरी
प्यारा केरकेट्टा
महाजियोम गाँधी
प्यारा केरकेट्टा
झाड़ी धरम मोञ
प्यारा केरकेट्टा
किनिर
प्यारा केरकेट्टा
घोल मोलोय अगस्त
अज्ञात
लोटा डा
मेरी एस. सोरेड
नेडा’ साड़ा
अज्ञात
बेताड
अज्ञात
आदिवासी अम कहनी
अज्ञात
5. लोक कथाएँ (Folk Tales)
लोक कथा का नाम
विषय
सुगी ओडो मुनी
अनुष्ठान संबंधी कथा
कुली बूढ़ी
हास्य-व्यंग्य कथा
ढेला रो उल
अलौकिक कथा
कोन्होर से लोङगोय
सामाजिक कथा
टेटेटोहों ज
परी कथा
सौंखी रो कोइली
लोक संस्कृति से जुड़ी कथा
कोनजो के ठिङ
पारंपरिक कथा
चुटिया रो कॅडोड
पारंपरिक कथा
कुरकुर से बेइचडोम
पारंपरिक कथा
लिटिया ओडों चुटिया
पारंपरिक कथा
6. शिष्ट कहानी (Modern Stories)
कहानी का नाम
लेखक
मोञ बिता लाज
प्रो० मेरी एस० सोरेङ
लूर धो मसटर
सु० पतरस बा
बोरजा
प्रो. मेरी एस० सोरेङ
बुधवा कोरमो
सु. पतरस बा
महाकिमिन
सु. कुमार बा
जिनगी उम बोनेता बायना होयता
सु. जुएल सोरेङ
राजा बेटा बराकाईत
श्री जुलिमुस बा
इना सुग्गी उम तोरो ताम
रोज टेटे
7. खड़िया नाटक (Drama)
नाटक का नाम
लेखक
सिलिम खोडी या सोमरा
इलियस बा
8. साहित्यिक निबंध (Literary Essays)
लेखक का नाम
प्यारा केरकेट्टा
जुलियस बा
डॉ० रोज केरकेट्टा
डॉ० माथियस डुङडुङ
डॉ० जोवा किम डुङडुङ
डॉ० आर. पी. साहू
डॉ० अनिल वीरेन्द्र कुल्लू
डॉ० मेरी एस. सोरेङ
निष्कर्ष
खड़िया भाषा के पाठ्यक्रम में व्याकरण, लोकगीत, शिष्टगीत, कविताएँ, लोक कथाएँ, आधुनिक कहानियाँ, नाटक और साहित्यिक निबंध शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम खड़िया भाषा और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को समझने में सहायक होगा।
Odia Language and Literature – Syllabus
Odia भाषा और साहित्य के पाठ्यक्रम में व्याकरण, भाषा विज्ञान, पद्य खंड, गद्य खंड शामिल हैं। नीचे इसका विस्तृत विवरण दिया गया है।
1. व्याकरण (Grammar)
Odia भाषा के व्याकरण में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
विषय
विवरण
वर्ण (Barna)
अक्षरों का अध्ययन
शब्दगठन (Shabdagathana)
शब्द निर्माण की प्रक्रिया
लिंग (Linga)
पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसक लिंग
वचन (Bachana)
एकवचन और बहुवचन
कारक (Karaka)
संज्ञा और सर्वनाम के संबंध
विभक्ति (Bibhakti)
शब्दों में विभक्तियों का उपयोग
संधि (Sandhi)
संधि के प्रकार और प्रयोग
समास (Samasa)
शब्दों का संक्षिप्त संयोजन
युग्म शब्द (Yugma Shabda)
जुड़ने वाले शब्द
भिन्नार्थक शब्द (Bhinnarthaka Shabda)
विभिन्न अर्थों वाले शब्द
अनेकार्थक शब्द (Anekarthaka Shabda)
एक शब्द के कई अर्थ
विपरीतार्थक शब्द (Biparitarthaka Shabda)
विलोम शब्द
कृदंत (Krudanta)
धातु से शब्द निर्माण
तद्धित (Taddhita)
प्रत्ययों का प्रयोग
छंद (Chhanda)
कविता की संरचना
अलंकार (Alankara)
काव्य अलंकरण
2. भाषा विज्ञान (Linguistics)
विषय
विवरण
भाषा (Bhasha)
भाषा की परिभाषा और विशेषताएँ
उपभाषा (Upabhasha)
बोली और क्षेत्रीय विविधताएँ
भाषा परिवर्तन के कारण (Bhasha Parivartanara Karana O Diga)
समय के साथ भाषा में बदलाव के कारक
ध्वनि परिवर्तन के कारण (Dhwoni Parivartanara Karana O Diga)
उच्चारण और ध्वनि बदलाव
अर्थ परिवर्तन के कारण (Artha Parivartanara Karana O Diga)
Odia भाषा और साहित्य का यह पाठ्यक्रम छात्रों को व्याकरण, भाषा विज्ञान, कविता, गद्य और साहित्यिक धरोहर को समझने में सहायता करेगा।
पंच परगनिया भाषा और साहित्य – पाठ्यक्रम
पंच परगनिया भाषा और साहित्य के पाठ्यक्रम में व्याकरण, पद्य साहित्य, लोककथा, नाटक, शिष्टकहानी और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन शामिल है। इसका विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:
1. व्याकरण (Grammar)
पंच परगनिया भाषा के व्याकरण में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
विषय
विवरण
वर्ण विचार
पंच परगनिया भाषा के ध्वनि तत्व
संज्ञा
नामवाचक शब्दों का अध्ययन
सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाले शब्द
लिंग
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग
वचन
एकवचन और बहुवचन
कारक
संज्ञा और सर्वनाम के संबंध
विशेषण
संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
काल
भूत, वर्तमान और भविष्य काल
क्रिया
विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ
समास
दो या अधिक शब्दों के संयोग से बने शब्द
अव्यय
वे शब्द जो अपरिवर्तनीय होते हैं
वाच्य
कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
वाक्य के भेद
विधिवाचक, नकारात्मक, प्रश्नवाचक आदि
विपरीतार्थक शब्द
विलोम शब्द
ऊनार्थक शब्द
समान अर्थ वाले शब्द
2. पद्य साहित्य (Poetry Literature)
(i) लोकगीत (Folk Songs)
लोकगीत का प्रकार
विवरण
पंचपरगनिया लोकगीत
लोकगीत की परिभाषा और महत्व
पंचपरगनिया लोकगीतों की विशेषताएँ
भाव, रस, छंद और कला
पंचपरगनिया लोकगीतों में प्रकृति चित्रण
प्रकृति आधारित गीत
पंचपरगनिया करम गीत
करम गीतों के प्रकार
पंचपरगनिया विवाह गीत
विवाह गीतों का वर्गीकरण और भाव सौंदर्य
पंचपरगनिया टुसू गीत
टुसू गीतों का वर्गीकरण
संहरइ गीत
संहरइ गीतों का वर्गीकरण
(ii) शिष्टगीत / कविताएँ (Classic Songs & Poems)
कविता का नाम
कवि
सावन मास
सृष्टिधर महतो ‘समीर’
झागड़ा
सृष्टिधर महतो ‘समीर’
रावण बंध
डॉ. चन्द्रमोहन महतो
जीवन पथेक फूल
परमानन्द महतो
बांबरा (कविता संग्रह)
दिनबंधु महतो एवं परमानन्द महतो
महुआ रस
सहोदर खंडित
3. लोककथा (Folk Tales)
लोककथा का नाम
संपादक
करमा धरगा कर काथा
परमानन्द महतो
बारहा और भालू
परमानन्द महतो
सतनाराइन काथा
परमानन्द महतो
जितुआ बरत कर काथा
परमानन्द महतो
बिएजरी आर पाँचपरी
परमानन्द महतो
ठकुआ आर भिखुआ
परमानन्द महतो
मामा भगिना
परमानन्द महतो
बिन बापेक छुआ
परमानन्द महतो
पैठी सनी
परमानन्द महतो
चालाक बिलाइ
परमानन्द महतो
4. नाटक (Drama)
नाटक का नाम
लेखक
इंजत
राजकिशोर सिंह
5. शिष्टकहानी (Short Story)
शिष्टकहानी का नाम
लेखक
जदि एसन हतक हले का हतक
संतोष साहु ‘प्रीतम’
6. प्रमुख साहित्यकार (Renowned Writers)
साहित्यकार का नाम
ज्योतिलाल महादानी
परमानन्द महतो
राजकिशोर सिंह
सृष्टिधर महतो
संतोष साहु ‘प्रीतम’
दीनबंधु महतो
चन्द्रमोहन महतो
करमचन्द अहीर
निष्कर्ष
पंच परगनिया भाषा और साहित्य के इस पाठ्यक्रम में व्याकरण, लोकगीत, शिष्टगीत, लोककथा, नाटक, शिष्टकहानी और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन शामिल है। इससे छात्रों को पंच परगनिया भाषा और संस्कृति की समृद्ध विरासत को समझने में सहायता मिलेगी।
नागपुरी भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
नागपुरी भाषा और साहित्य के इस पाठ्यक्रम में व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक और साहित्यिक निबंध का अध्ययन शामिल है। इसका विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:
1. व्याकरण (Grammar)
नागपुरी भाषा के व्याकरण में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
विषय
विवरण
वर्ण विचार
नागपुरी भाषा के ध्वनि तत्व
संज्ञा
नामवाचक शब्दों का अध्ययन
सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाले शब्द
लिंग
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग
वचन
एकवचन और बहुवचन
कारक
संज्ञा और सर्वनाम के संबंध
विशेषण
संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
काल
भूत, वर्तमान और भविष्य काल
क्रिया
विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ
समास
दो या अधिक शब्दों के संयोग से बने शब्द
अव्यय
वे शब्द जो अपरिवर्तनीय होते हैं
वाच्य
कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
वाक्य के भेद
विधिवाचक, नकारात्मक, प्रश्नवाचक आदि
विपरीतार्थक शब्द
विलोम शब्द
ऊनार्थक शब्द
समान अर्थ वाले शब्द
2. पद्य साहित्य (Poetry Literature)
(i) नागपुरी भाषा के लोकगीत (Folk Songs)
लोकगीत का प्रकार
संख्या
संस्कार गीत
03
पर्व-त्योहार गीत
03
श्रम गीत
01
बाल गीत
01
ऋतु गीत
01
सामान्य गीत
01
(ii) शिष्ट गीत / कविताएँ (Classic Songs & Poems)
(क) कविताएँ
कविता का नाम
कवि
जागा-जागा
सी. डी. सिंह
बिरसा तोर इयाइद में
क्षितिज कुमार राय
नागपुरक भाइमन
भीम महतो
जेठ मास आति
भरत नायक
तुलसी आउर कैकटस
धरेन्द्र प्रवाही
तोर बेतरा में
गिरिधारी राम गाँझू ‘गिरिराज’
नावाँ सालक नावाँ गीत
कुमारी बासंती
गाँव कर सांझ
पांडे रवीन्द्र नाथ राम
मुलुक भारत
अजीज अंसारी
जगत जननी
शकुन्तला मिश्र
(ख) गीत
गीत का नाम
कवि
पोडिलो बरखा ऋतु
रघुनाथ नृपति
छोडु कपटी माया
बरजु राम
पापी प्राण छुटे नहीं झट के
महंत घांसी
ठरू दाता दिगम्बर
घासी राम
उमड़ गगन घन घमंड
कवि कंचन
अरजुन कहत बियारी
जगनिवास नारायण तिवारी
संवत पैंसठी साल
दृगपाल राम देवघरिया
कड़क उठलक तलवारी
प्रफुल्ल कुमार राय
सावन घटा
नईमउद्दीन मिरदाहा
आजादी खातिर
रणविजय नाथ शाहदेव
3. गद्य साहित्य (Prose Literature)
(क) नागपुरी लोककथा (Folk Tales)
नागपुरी भाषा की दस लोककथाएँ:
लोककथा का नाम
कंगन आउर चुरी
भाग कर खेइल
टुसुट भेंडा
मयना आउर बुट
बेलमइत रानी
कमल आउर केतकी
चोचा चरइ आउर राजा
छोटकी रानी
बनहरिनी कर बेटा
बिन्दुलिया रानी
(ख) शिष्ट कथाएँ (Modern Stories)
नागपुरी भाषा की आठ आधुनिक कहानियाँ:
कहानी का नाम
लेखक
एक चकता रउद
प्रफुल्ल कुमार राय
बिझिया
शारदा प्रसाद शर्मा
रद्दी कागज
डॉ. बी.पी. केशरी
क्रिसमस कर सांझ
डॉ. कुमारी बसंती
भोटांग डहर
पंचम साहु
मनपुरन
रणविजय नाथ शाहदेव
भाइग
प्रमोद कुमार राय
मांदी
डॉ. उमेश नंद तिवारी
4. नाटक (Drama)
नाटक का नाम
लेखक
ठाकुर विश्वनाथ साही
डॉ. विसेश्वर प्रसाद केशरी
5. साहित्यिक निबंध (Literary Essays)
नागपुरी भाषा के आठ प्रमुख साहित्यकारों का जीवन परिचय और उनकी कृतियों का अध्ययन:
साहित्यकार का नाम
प्रफुल्ल कुमार राय
मृत्युंजय नाथ शर्मा
कवि रत्न शारदा प्रसाद शर्मा
सहनी उपेन्द्र पाल नहन
डॉ. बी.पी. केशरी
नईमउद्दीन मिरदाहा
डॉ. गिरिधारी राम गौझू, ‘गिरिराज’
डॉ. कुमारी वासंती
निष्कर्ष
नागपुरी भाषा और साहित्य के इस पाठ्यक्रम में व्याकरण, लोकगीत, शिष्टगीत, लोककथा, शिष्टकथाएँ, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन शामिल है। इससे छात्रों को नागपुरी भाषा, साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत को समझने में सहायता मिलेगी।
कुरमाली भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
कुरमाली भाषा और साहित्य के इस पाठ्यक्रम में व्याकरण, गद्य साहित्य, पद्य साहित्य, नाटक और साहित्यकारों का अध्ययन शामिल है। इसका विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:
1. व्याकरण (Grammar)
विषय
विवरण
वर्ण विचार
कुरमाली भाषा के ध्वनि तत्व
संज्ञा
नामवाचक शब्दों का अध्ययन
सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाले शब्द
लिंग
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग
वचन
एकवचन और बहुवचन
कारक
संज्ञा और सर्वनाम के संबंध
विशेषण
संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
काल
भूत, वर्तमान और भविष्य काल
क्रिया
विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ
समास
दो या अधिक शब्दों के संयोग से बने शब्द
अव्यय
वे शब्द जो अपरिवर्तनीय होते हैं
वाच्य
कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
वाक्य के भेद
विधिवाचक, नकारात्मक, प्रश्नवाचक आदि
विपरीतार्थक शब्द
विलोम शब्द
ऊनार्थक शब्द
समानार्थक शब्द
2. गद्य साहित्य (Prose Literature)
(i) लोककथा (Folk Tales)
लोककथा का नाम
बांदना (सेंहरेइ परच)
टसर राजा
निसारथि के भगवान सारथि
साधन
लिलुक कसनि
माछेक हांसी
पुश्तू
सियारेक मांदेहर
राजा घारे बिहा
धीरजे कारज सिद्ध
(ii) आधुनिक कहानी (Modern Stories)
कहानी का नाम
लेखक
छटपटी
बसंत कुमार मेहता
बानछा
डॉ० एच० एन० सिंह
दिसा
निरंजन महतो
ढेंकि सांप
सुनील महतो
धखा
अनन्त महतो
धनेक गरब
डॉ० एच० एन० सिंह
मकरी
डॉ० एच० एन० सिंह
गाछ भगवान
डॉ० ए० एन० सिंह
(iii) नाटक (Drama)
नाटक का नाम
लेखक
केरिआ बहु
कालिपद महतो
(iv) प्रमुख साहित्यकार (Eminent Writers)
साहित्यकार का नाम
डॉ० नन्द्र किशोर सिंह
लखीकान्त महतो
केशव चन्द्र महतो
बसन्त कुमार मेहता
अनन्त महतो
डॉ० मानसिंह महतो
खुदी राम महतो
डॉ० हरदेव नारायण सिंह
3. पद्य साहित्य (Poetry Literature)
(i) लोकगीत (Folk Songs)
लोकगीत का प्रकार
विवाह गीत
डमकच
उधवागीत
ढपगीत
डाइडधरा गीत (पांतागीत)
करम गीत
एढेइया
बांदना (सोहराई)
खेलगीत
बालगीत (छवा मुला गीत)
(ii) शिष्ट गीत (Classic Songs)
गीत का नाम
कवि
जे विधि जनम देला, ताहा के बिसरी गेला।
अज्ञात
सपने सपने देखी, पलके ना परे आँखी।
अज्ञात
रितु बंसत भेल, मर पिया काहां गेल।
अज्ञात
लाल कमल दहे, फूल माला उपजये।
अज्ञात
वृन्दावने फुटीगेला, नाना जाति फूल गो।
अज्ञात
भादर मासे सैंया मर पडली बेजार, इझमें नाचब कइसे।
अज्ञात
सुइया मुही बुढ़ियांइ, जीवने सांतावली गो।
भीमचरण
पिया पिया जातिया, बरसा बिती गेल रे।
बाउलदास
आवल माधव बड़े मन्द पवनवा।
तुलसीदास
आवल बरिसा हित हुदकी उठल चित्त।
अज्ञात
(iii) आधुनिक कविताएँ (Modern Poems)
कविता का नाम
उड़ीस
जागरण
गनति
एकटा गाछे दुइटि चेरेइ
जाहाँक झांक तारि
भगुआ पिधाक तरहअ
बिडुल
बिसरिस ना मांझ
धंधौरा
तोंय कन
निष्कर्ष
कुरमाली भाषा और साहित्य के इस पाठ्यक्रम में व्याकरण, लोककथा, आधुनिक कहानियाँ, लोकगीत, शिष्ट गीत, आधुनिक कविताएँ, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन शामिल है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को कुरमाली भाषा और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को समझने में सहायता करेगा।
Urdu Language and Literature – Syllabus
This syllabus covers language development, grammar, poetry, prose, and key literary works in Urdu.
I. ZABAAN (LANGUAGE)
Topic
Description
Hindustani Ka Irtiqa
Evolution of Hindustani language
Urdu Zaban Ki Paidaish: Nazaryaat Aur Haqaiq Ka Jaiza
Theories and realities about the birth of Urdu language
Jharkhand Ki Qabaili Elaaqai Zabaanen
Tribal and regional languages of Jharkhand
Jharkhand Men Urdu
Status and development of Urdu in Jharkhand
II. QAWAID (GRAMMAR)
Topic
Description
Mutradifat
Synonyms
Ism Mosagghar Wa Mokabbar
Diminutive and augmentative nouns
Saabiqa Wa Laahiqa
Prefixes and suffixes
Zarbul Masal
Proverbs
III. SHAYERY (POETRY)
Ghazal
Title
Poet
Ulti Ho Gayin Sab Tadbeeren Kuchh Na Dawa Ne Kaam Kiya
Meer
Faqeerana Aaye Sada Kar Chale
Meer
Dile Nadan Tujhe Huwa Kiya Hai
Ghalib
Dayam Pada Huwa Tere Dar Per Nahin Hun Main
Ghalib
Nazm
Title
Poet
Lenin Khuda Ke Huzoor Men
Iqbal
Ek Aarzoo
Iqbal
Nisar Main Teri Galiyon Ke Aye Watan Ke Jahan
Faiz
Mujh Se Pahli Si Mohabbat Meri Mehboob Na Mang
Faiz
IV. NASR (PROSE)
Novel
Title
Author
Fire Area
Ilyas Ahmad Gaddi
Afsana (Short Stories)
Title
Author
Parinda Pakadne Wali Gadi
Ghayas Ahmad Gaddi
Nirvaan
Zaki Anwar
Mrs. John
Sheen Akhtar
Conclusion
This Urdu language and literature syllabus provides a comprehensive study of the language’s evolution, grammar, classical and modern poetry, prose, and significant literary works. It aims to enhance students’ understanding of Urdu’s linguistic and literary richness.
खोरठा भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम भाषा, व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन कराता है।
1. व्याकरण
खोरठा भाषा के निम्नलिखित व्याकरणिक तत्वों का अध्ययन –
वर्ण विचार
संज्ञा, सर्वनाम
लिंग, वचन, कारक
विशेषण, काल, क्रिया
समास, अव्यय, वाच्य
वाक्य के भेद
विपरीतार्थक शब्द, ऊनार्थक शब्द
2. पद्य साहित्य
(I) खोरठा भाषा के लोकगीत
लोकगीत की परिभाषा और परिचय
खोरठा भाषा के लोकगीतों का वर्गीकरण
दस (10) विविध लोकगीतों का अध्ययन
लोकगीतों के प्रकार –
संस्कार गीत (विवाह गीत, सहियारी गीत, छठियारी गीत) – 03 गीत
पर्व-त्योहार गीत (करम गीत -2, सोहराइ गीत-1) – 03 गीत
श्रम गीत – 01 गीत
बाल गीत – 01 गीत
ऋतु गीत – 01 गीत
सामान्य गीत – 01 गीत
3. शिष्ट गीत / कविताएँ
(क) कविताएँ
संकलन:एक पथिया डोंगल महुआ (संपादक: संतोष कुमार महतो)
पहली दस (10) कविताएँ का अध्ययन
(ख) गीत
गीत का नाम
रचनाकार
माँदइर बाजे रे, बाँसी बाजे रे
सुकुमार
बोने पाकलइ सयाँ कोइर
दिनेश दिनमणि
सोहान लागे रे
शांति भारत
कते सुंदर छोटानागपुर
दीपक सवाल
हामर भारत महान
अंबुज कुमार
मिली के रहिहा
प्रदीप कुमार दीपक
साँझे हाँस झींगा फूल
महेंद्र नाथ गोस्वामी
बोन रक्षा जीवन रक्षा
अनीता कुमारी
सेवाविक बाउँडी मेला
सुभद्रा कुमारी
जय माँय जननी
शिवनाथ प्रमाणिक
4. गद्य साहित्य
(I) लोककथा
खोरठा भाषा की दस (10) प्रसिद्ध लोककथाएँ –
सात भाय एक बहिन
धनेक धधइनी
बुढा बुढी आर सात पीठा
गुदपुचु रानी आर कउआ
गोहाइल परब
बुढी आर ओकर नाती
दू बिहाक दुरगति
केतकी फूल
लुहरगर बेटी छउआ
खुँटा भितर चिंयाँ गोटा
(II) शिष्ट कहानी
आठ आधुनिक कहानियों का अध्ययन –
छाँहइर
बोनेक लोर
हाम जीयब कइसें
नावा जिमीदार
उबार
जिनगिक डोंआनी
ओद दीदा
हुब
(III) नाटक
चाभी-काठी (लेखक: श्रीनिवास पानुरी)
(IV) साहित्यिक निबंध
भाइ-बहिन के शुभ प्यार के प्रतीक परब करम (निबंध)
फूल कर परब सरहुल आर तकर प्रासंगिकता (निबंध)
(V) खोरठा साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर निबंध
भुवनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’
श्रीनिवास पानुरी
ए.के. झा
विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’
विश्वनाथ नागर
शिवनाथ प्रमाणिक
श्याम सुंदर महतो ‘श्याम’
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम खोरठा भाषा और साहित्य के संपूर्ण अध्ययन के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्याकरण, लोकगीत, कविताएँ, कहानियाँ, नाटक और साहित्यकारों का परिचय शामिल है, जिससे छात्रों को खोरठा भाषा की गहराई से समझ मिल सके।
खोरठा भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम भाषा, व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन कराता है।
1. व्याकरण
खोरठा भाषा के निम्नलिखित व्याकरणिक तत्वों का अध्ययन किया जाएगा:
वर्ण विचार
संज्ञा, सर्वनाम
लिंग, वचन, कारक
विशेषण, काल, क्रिया
समास, अव्यय, वाच्य
वाक्य के भेद
विपरीतार्थक शब्द, ऊनार्थक शब्द
2. पद्य साहित्य
(I) खोरठा भाषा के लोकगीत
इस खंड में लोकगीत की परिभाषा, परिचय एवं खोरठा भाषा के लोकगीतों का वर्गीकरण किया जाएगा। साथ ही, दस (10) विविध लोकगीतों का अध्ययन किया जाएगा।
लोकगीतों के प्रकार
संख्या
संस्कार गीत (विवाह गीत, सहियारी गीत, छठियारी गीत)
03
पर्व-त्योहार गीत (करम गीत -2, सोहराइ गीत-1)
03
श्रम गीत
01
बाल गीत
01
ऋतु गीत
01
सामान्य गीत
01
3. शिष्ट गीत / कविताएँ
इस भाग में खोरठा भाषा की दस (10) प्रतिनिधि कविताएँ एवं दस (10) गीतों का अध्ययन किया जाएगा।
(क) कविताएँ
संकलन:एक पथिया डोंगल महुआ (संपादक: संतोष कुमार महतो)
पहली दस (10) कविताएँ का अध्ययन
(ख) गीत
गीत का नाम
रचनाकार
माँदइर बाजे रे, बाँसी बाजे रे
सुकुमार
बोने पाकलइ सयाँ कोइर
दिनेश दिनमणि
सोहान लागे रे
शांति भारत
कते सुंदर छोटानागपुर
दीपक सवाल
हामर भारत महान
अंबुज कुमार
मिली के रहिहा
प्रदीप कुमार दीपक
साँझे हाँस झींगा फूल
महेंद्र नाथ गोस्वामी
बोन रक्षा जीवन रक्षा
अनीता कुमारी
सेवाविक बाउँडी मेला
सुभद्रा कुमारी
जय माँय जननी
शिवनाथ प्रमाणिक
4. गद्य साहित्य
(I) लोककथा
इस भाग में खोरठा भाषा की दस (10) प्रसिद्ध लोककथाएँ पढ़ाई जाएंगी।
लोककथा का नाम
सात भाय एक बहिन
धनेक धधइनी
बुढा बुढी आर सात पीठा
गुदपुचु रानी आर कउआ
गोहाइल परब
बुढी आर ओकर नाती
दू बिहाक दुरगति
केतकी फूल
लुहरगर बेटी छउआ
खुँटा भितर चिंयाँ गोटा
(II) शिष्ट कहानी
आठ आधुनिक कहानियों का अध्ययन किया जाएगा।
कहानी का नाम
छाँहइर
बोनेक लोर
हाम जीयब कइसें
नावा जिमीदार
उबार
जिनगिक डोंआनी
ओद दीदा
हुब
(III) नाटक
चाभी-काठी (लेखक: श्रीनिवास पानुरी)
(IV) साहित्यिक निबंध
इस भाग में आठ (8) साहित्यिक निबंधों का अध्ययन किया जाएगा।
निबंध का नाम
भाइ-बहिन के शुभ प्यार के प्रतीक परब करम
फूल कर परब सरहुल आर तकर प्रासंगिकता
(V) खोरठा साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर निबंध
इस खंड में प्रमुख खोरठा साहित्यकारों के जीवन, लेखन और योगदान पर निबंध लिखे जाएंगे।
साहित्यकार का नाम
भुवनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’
श्रीनिवास पानुरी
ए.के. झा
विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’
विश्वनाथ नागर
शिवनाथ प्रमाणिक
श्याम सुंदर महतो ‘श्याम’
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम खोरठा भाषा और साहित्य के संपूर्ण अध्ययन के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्याकरण, लोकगीत, कविताएँ, कहानियाँ, नाटक और साहित्यकारों का परिचय शामिल है, जिससे छात्रों को खोरठा भाषा की गहराई से समझ मिल सके।
हो भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम हो भाषा के व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक एवं प्रमुख साहित्यकारों के अध्ययन पर आधारित है।
1. व्याकरण
हो भाषा के निम्नलिखित व्याकरणिक तत्वों का अध्ययन किया जाएगा:
वर्ण विचार
संज्ञा, सर्वनाम
लिंग, वचन, कारक
विशेषण, काल, क्रिया
समास, अव्यय, वाच्य
वाक्य के भेद
विपरीतार्थक शब्द, पर्यायवाची शब्द
2. पद्य साहित्य
(क) शिष्ट गीत
इस भाग में हो भाषा के दस (10) प्रमुख शिष्ट गीतों का अध्ययन किया जाएगा।
गीत का नाम
तेते चन्डु
गोलनाचे बा
अबुअ झारखण्ड
लको बोदरा
सिंगि
हर्ताहसा
जोनोम दिसुम
दुल सुनुम जुलो वा
अबुआ नमा भारत
दिसुम लगिड़
(ख) कविताएँ
इस भाग में दस (10) प्रमुख कविताओं का अध्ययन किया जाएगा।
कविता का नाम
रचनाकार
गुसिया
बागुन बोदरा
होयो गमा
पूर्णचन्द्र बिरुवा
जिबनान बाड़ा
मदन बानरा
हुदा समाज
सोनेया कुमार तियु
जिबोन
नीरज जगमोहन सिंकु “चिनगारी”
राष्ट्रीय पर्व
–
जाति अन्डो दिराम लगिङ
–
हर्ताहसा रे टॉयोल
–
अले जीवोन रे
–
नबु दिसुम रे
–
(ग) लोकगीत
इस खंड में लोकगीत की परिभाषा, उसकी विशेषताएँ एवं लोकगीतों का वर्गीकरण किया जाएगा।
लोकगीतों के प्रकार
संख्या
मागे गीत
03
बा गीत
04
विवाह गीत
03
3. गद्य साहित्य
(i) लोककथा
हो भाषा की प्रमुख लोककथाओं का अध्ययन किया जाएगा।
लोककथा का नाम
डोंडा हो
इच बा
कुला ओन्डो बन्ड
का ओन्डो रमिया गरोवा
हो ओन्डो सेता
काना दादा
हपानुम
केपरा तुयु
(ii) शिष्ट कहानी
हो भाषा की आठ (8) प्रमुख कहानियों का अध्ययन किया जाएगा।
कहानी का नाम
रचनाकार
मेंजारि
प्रिति तियु
डड्डु चनटु
दमयन्ती पिंगुवा
सीनी ओन्डो अय: अपसराय किंग
–
लोदे काका
–
चम्पु ओन्डो दोसमा
–
सैंया होरा
–
सरजोम सकम
प्रदीप कुमार बोदरा
हरावयन रयो दइयना
–
(iii) नाटक
धार होरा भाग – 2
(iv) साहित्यिक निबंध
आठ (8) प्रमुख साहित्यकारों के जीवन, लेखन एवं योगदान पर निबंध लिखे जाएंगे।
साहित्यकार का नाम
सामू चरण तुबिड
डॉ० देवेन्द्र नाथ सिंकु
डॉ० जानुम सिंह सोय
घनश्याम गागराई
चन्द्र मोहन पाट पिंगुवा
डॉ० दमयन्ती सिंकु
डोबरो बुडिल्ली
डॉ० प्रदीप कुमार बोदरा
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम हो भाषा और साहित्य के संपूर्ण अध्ययन के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्याकरण, लोकगीत, कविताएँ, कहानियाँ, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का परिचय शामिल है, जिससे छात्रों को हो भाषा की गहराई से समझ मिल सके।
मुण्डारी भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम मुण्डारी भाषा के व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक एवं प्रमुख साहित्यकारों के अध्ययन पर आधारित है।
1. व्याकरण
मुण्डारी भाषा के निम्नलिखित व्याकरणिक तत्वों का अध्ययन किया जाएगा:
वर्ण विचार
संज्ञा, सर्वनाम
लिंग, वचन, कारक
विशेषण, काल, क्रिया
समास, अव्यय, वाच्य
वाक्य के भेद
विपरीतार्थक शब्द, समानार्थक शब्द
2. पद्य साहित्य
(क) लोकगीत
इस भाग में लोकगीतों की परिभाषा, उनकी विशेषताएँ एवं वर्गीकरण का अध्ययन किया जाएगा।
स्रोत पुस्तक का नाम
गीत संख्या
बासुरी बज रही
11, 13, 214, 167, 349
अनायुम दुराड
101, 104, 231, 252, 370
(ख) शिष्ट गीत / कविताएँ
इस भाग में मुण्डारी भाषा की प्रमुख काव्य रचनाओं का अध्ययन किया जाएगा।
स्रोत पुस्तक का नाम
गीत संख्या
हिसिर
68, 77
सेलेद
1, 4
बम्बरू
3, 4
ससं वा
56, 61
सुद्धा संगेन
13
मनोवा-मनोवा रे बिनगा बनो अ
–
3. गद्य साहित्य
(i) लोककथा
मुण्डारी भाषा की प्रमुख लोककथाओं का अध्ययन किया जाएगा।
लोककथा का नाम
बा नेग
कराम कानि
सोराइ
लीगन आद रागोसा
होन: चतुर
गाडीअ सोंगोति
देशेपुती राजा
ए हगेया कोव होन मिसी “पिरी”
मेद आद सोना दिदि
गुपिन कोव बा
(ii) शिष्ट कहानी
इस भाग में मुण्डारी भाषा की आठ (8) प्रमुख कहानियों का अध्ययन किया जाएगा।
कहानी का नाम
कुलाए कोअ: बलाए
बिर होना नावा इनुङ
संदु आर बिंदि
बुरू कुला सेंदेरा
बिरसा जिमिदार कोअए जगर एटे जदा
रगड़ा सा एते एरे को अउजदा
बिरसा सिदा सिदाए सबो तना
मिडियुद चेंडे तुदका रे उकु जन रअ कानि
(iii) नाटक
मरड
गोमके जयपाल सिंह मुण्डा
(iv) साहित्यकारों का जीवन परिचय एवं कृतियाँ
इस खंड में मुण्डारी भाषा के प्रमुख साहित्यकारों के जीवन, उनके योगदान और उनकी रचनाओं का अध्ययन किया जाएगा।
साहित्यकार का नाम
बुद्ध बाबु
काशीनाथ सिंह गुण्डा काण्डे
डॉ० रामदयाल मुण्डा
डॉ० मनमसीह मुण्डू
भैयाराम मुण्डा
डॉ० एस. ए. बी. डी. हंस
डॉ० मनसिद्ध बडायऊद
मेनास ओड़ेया
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम मुण्डारी भाषा और साहित्य के संपूर्ण अध्ययन के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्याकरण, लोकगीत, कविताएँ, कहानियाँ, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का परिचय शामिल है, जिससे छात्रों को मुण्डारी भाषा की गहराई से समझ मिल सके।
खुड़ुख़ भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
इस पाठ्यक्रम में खुड़ुख़ भाषा, व्याकरण, पद्य साहित्य, गद्य साहित्य, नाटक और प्रमुख साहित्यकारों का अध्ययन किया जाएगा।
1. व्याकरण (कत्थअइन)
व्याकरण के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाएगा:
तोडन अख’आ
पिंञ्जका
उइजी पिंञ्जका
मेद
गनया ननतु उद
गुणखी परिया
ननना (नलड)
समका
अव्यय
वाच्य
बकपून ही ड़ाड़ा
बिडदो बक्क संगी बक्क
2. पद्य साहित्य
(i) डंडी (गीत)
खुड़ुख़ भाषा के विभिन्न डंडी (गीत) का अध्ययन किया जाएगा:
खुड़ुख़ भाषा के प्रमुख साहित्यकारों के जीवन परिचय एवं उनकी रचनाओं का अध्ययन किया जाएगा:
साहित्यकार का नाम
डॉ. निर्मल मिंज
डॉ० हरि उराँव
दवले कुजूर
अहलाद र्तिकी
इन्द्रजीत उराँव
बिहारी लकड़ा
बेचन उराँव
पी०सी० बेक
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम खुड़ुख़ भाषा, साहित्य और व्याकरण की गहरी समझ विकसित करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें पारंपरिक लोकगीतों से लेकर आधुनिक कहानियों और नाटकों तक की सामग्री शामिल है।
उर्दू भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
इस पाठ्यक्रम में भाषा विकास, व्याकरण, काव्य, गद्य और प्रमुख साहित्यिक कृतियों का अध्ययन शामिल है।
I. भाषा (ZABAAN)
विषय
विवरण
हिंदुस्तानी का विकास
हिंदुस्तानी भाषा के विकास की प्रक्रिया
उर्दू भाषा की उत्पत्ति: सिद्धांत और वास्तविकता
उर्दू भाषा की उत्पत्ति से जुड़े विभिन्न सिद्धांत और वास्तविकता का विश्लेषण
झारखंड की आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाएँ
झारखंड में बोली जाने वाली आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं का अध्ययन
झारखंड में उर्दू
झारखंड में उर्दू भाषा की स्थिति और विकास
II. व्याकरण (QAWAID)
विषय
विवरण
समानार्थक शब्द (Mutradifat)
विभिन्न शब्दों के समानार्थक शब्द
संज्ञा संपीड़न और विस्तार (Ism Mosagghar Wa Mokabbar)
छोटे और बड़े रूप वाली संज्ञाएँ
उपसर्ग और प्रत्यय (Saabiqa Wa Laahiqa)
शब्दों के प्रारंभ और अंत में जुड़े उपसर्ग और प्रत्यय
कहावतें (Zarbul Masal)
उर्दू भाषा की प्रसिद्ध कहावतें
III. काव्य (SHAYERY)
ग़ज़ल
शीर्षक
कवि
उल्टी हो गईं सब tadbeeren, कुछ न दवा ने काम किया
मीर
फकीराना आए सदा कर चले
मीर
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है
ग़ालिब
दायम पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूँ मैं
ग़ालिब
नज़्म
शीर्षक
कवि
लेनिन खुदा के हुज़ूर में
इक़बाल
एक आरज़ू
इक़बाल
निसार मैं तेरी गलियों के ऐ वतन के जहाँ
फ़ैज़
मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरी महबूब न मांग
फ़ैज़
IV. गद्य (NASR)
उपन्यास
शीर्षक
लेखक
फायर एरिया
इलियास अहमद गद्दी
अफ़साने (लघु कथाएँ)
शीर्षक
लेखक
परिंदा पकड़ने वाली गाड़ी
ग़यास अहमद गद्दी
निर्वाण
ज़की अनवर
मिसेज जॉन
शीन अख़्तर
निष्कर्ष
यह उर्दू भाषा और साहित्य पाठ्यक्रम भाषा के विकास, व्याकरण, काव्य, गद्य और महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों का समग्र अध्ययन कराता है। इसका उद्देश्य छात्रों को उर्दू भाषा की साहित्यिक और भाषाई समृद्धि से परिचित कराना है।
Bengali Language & Literature – Syllabus
This syllabus covers Bengali grammar, poetry, prose, drama, and literary essays to provide a comprehensive understanding of the language and its literary heritage.
1. Grammar
The following grammatical topics will be covered:
Karak (Cases)
Bibhakti (Inflection)
Ek Bakya Prakash (Sentence Structure)
2. Poetry
(A) Selections from Sanchayita – Rabindranath Tagore
Parash Pathar
Ebar Firao More
Aamar Matha Nato Kore
Balaka
Eikyataan
(B) Selections from Madhukari (Edited by Kalidas Roy)
Poem
Poet
Era Jadi Jane
Kamini Roy
Jiban Bandana
Kazi Nazrul Islam
Aar Kichhu Nahi Sadh
Buddhadeb Basu
Purano Kagojer Feriwala
Premendra Mitra
Hat
Jatindranath Sengupta
3. Prose
Title
Author
Genre
Krishnakanter Will
Bankim Chandra Chattopadhyay
Novel
Pather Panchali
Bibhutibhushan Bandopadhyay
Novel
Mukut
Rabindranath Tagore
Drama
Sajano Bagan
Manoj Mitra
Drama
Additionally, Sahityer Rup O Reeti (Forms & Styles of Literature) will be studied, covering:
Mahakabya (Epic Poetry)
Geetikabya (Lyric Poetry)
Tragedy
Comedy
4. Literary Essays
The following Bengali literary figures and their contributions will be studied:
Author
Michael Madhusudan Dutta
Bankim Chandra Chattopadhyay
Rabindranath Tagore
Sharat Chandra Chattopadhyay
Kazi Nazrul Islam
Bibhutibhushan Bandopadhyay
Tarashankar Bandopadhyay
Jibanananda Das
Conclusion
This syllabus is designed to provide a holistic understanding of Bengali language and literature, encompassing grammar, poetry, prose, drama, and literary analysis.
हिन्दी भाषा एवं साहित्य – पाठ्यक्रम
इस पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा, साहित्य, उपन्यास, कहानियाँ, नाटक, साहित्य का इतिहास और व्याकरण का अध्ययन किया जाएगा।
1. भाषा
(i) हिन्दी की उत्पत्ति और विकास
हिन्दी भाषा की उत्पत्ति, पुरानी हिन्दी (अवहट्ट), डिंगल भाषा के बारे में अध्ययन किया जाएगा।
(ii) भाषा के विभिन्न रूप
हिन्दी भाषा के विविध रूपों का अध्ययन किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
भाषा के प्रकार
विवरण
रचनात्मक भाषा
साहित्य और सृजनात्मक लेखन में प्रयुक्त भाषा
राष्ट्रभाषा
पूरे राष्ट्र में प्रचलित भाषा
राजभाषा
सरकारी कामकाज में प्रयुक्त भाषा
सम्पर्क भाषा
विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच संवाद का माध्यम
संचार भाषा
मीडिया और सूचना के क्षेत्र में प्रयुक्त भाषा
(iii) हिन्दी का शब्द भंडार
हिन्दी शब्दावली को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जाता है:
पाश्चात्य साहित्य सिद्धान्त: प्लेटो, वर्ड्सवर्थ, मैथ्यू आर्नल्ड, आइ. ए. रिचर्ड्स, टी. एस. इलियट के सिद्धान्त
(vi) प्रयोजनमूलक हिन्दी
अवधारणा
प्रशासनिक हिन्दी
प्रशासनिक पत्राचार
संक्षेपण, टिप्पण, प्रारूपण, प्रतिवेदन
2. साहित्य
(i) काव्य
कवि
प्रमुख रचनाएँ
विद्यापति
प्रेम विषयक पद
कबीर
साखी, बीजक
सूरदास
सूरसागर
तुलसीदास
रामचरितमानस
बिहारी
बिहारी सतसई
रसखान
प्रेम और भक्ति पर आधारित काव्य
भूषण
वीर रस की रचनाएँ
(ii) काव्य वीथि
कवि
प्रमुख रचनाएँ
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
भारत दुर्दशा
मैथिलीशरण गुप्त
साकेत
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
राम की शक्ति पूजा
सुमित्रानंदन पंत
पल्लव
महादेवी वर्मा
यामा
जयशंकर प्रसाद
कामायनी
रामधारी सिंह दिनकर
रश्मिरथी
अज्ञेय
तारसप्तक
नागार्जुन
युगधारा
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
बच्चू के प्रति
धूमिल
संसद से सड़क तक
3. उपन्यास
उपन्यास का नाम
लेखक
गोदान
प्रेमचन्द
मैला आँचल
फणीश्वर नाथ रेणु
रागदरबारी
श्रीलाल शुक्ल
4. कहानियाँ
कहानी का नाम
लेखक
मधुआ
जयशंकर प्रसाद
ठाकुर का कुआँ
प्रेमचन्द
नीलम देश की राजकन्या
जैनेन्द्र कुमार
परिन्दे
निर्मल वर्मा
दिल्ली में एक मौत
कमलेश्वर
वापसी
उषा प्रियवंदा
अभिशप्त
यशपाल
मिसपाल
मोहन राकेश
5. नाटक
नाटक का नाम
लेखक
भारत- दुर्दशा
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
ध्रुव स्वामिनी
जयशंकर प्रसाद
आधे-अधूरे
मोहन राकेश
6. हिन्दी साहित्य का इतिहास
पुस्तक का नाम
लेखक
हिन्दी साहित्य का इतिहास
रामचन्द्र शुक्ल
हिन्दी साहित्य का इतिहास
डॉ० नागेन्द्र
7. व्याकरण
व्याकरण के विषय
विवरण
संज्ञा
नामवाचक शब्द
सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द
क्रिया
कार्य या अवस्था को व्यक्त करने वाले शब्द
विशेषण
संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
कारक
संज्ञा और सर्वनाम के विभक्तिप्रत्यय
समास
दो या अधिक शब्दों का संक्षिप्त रूप
मुहावरे
विशेष अर्थ में प्रयुक्त वाक्यांश
निष्कर्ष
यह पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा और साहित्य की विस्तृत समझ विकसित करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्याकरण, काव्य, उपन्यास, नाटक, कहानियाँ और साहित्य का इतिहास शामिल है।
English Language and Literature – Syllabus
This syllabus covers Language, Literature, Novels, Drama, Poetry, Short Stories, Essays, History of the English Language, and Phonetics in detail.
1. Language
The language section includes grammar, vocabulary, comprehension, and sentence structure, as outlined below:
(i) Grammar and Vocabulary
Grammar Topics
Details
Error Recognition
Identifying grammatical mistakes in sentences
Fill in the Blanks
Completing sentences with appropriate words
Vocabulary
Learning new words and their meanings
Spellings
Correct usage of spellings in words
Parts of Speech
Adjective, Noun, Pronoun, Verb, Adverb
Subject-Verb Agreement
Ensuring correct verb usage based on the subject
Gerund, Participle, Infinitive
Understanding verbals and their functions
Tense
Present, Past, and Future Tenses
Clause
Types of Clauses: Independent, Dependent, Relative, etc.
Transformation
Conversion of sentences (Active-Passive, Direct-Indirect)
Narration
Direct and Indirect Speech
Voice
Active and Passive Voice
Prepositions
Usage of Prepositions in Sentences
Sentence Structure
Constructing grammatically correct sentences
Synonyms & Antonyms
Words with similar and opposite meanings
Sentence Completion
Choosing the correct words to complete a sentence
Idioms & Phrases
Common English Idioms and their meanings
Comprehension Passage
Reading and understanding English texts
2. Literature
The literature section is divided into Novels, Drama, Poetry, Short Stories, Essays, History of the English Language, and Phonetics.
(i) Novels
Novel Title
Author
Old Man and the Sea
Ernest Hemingway
The Painter of Signs
R.K. Narayan
The Power and the Glory
Graham Greene
Fasting, Feasting
Anita Desai
(ii) Drama
Drama Title
Playwright
The Tempest
William Shakespeare
Dr. Faustus
Christopher Marlowe
Final Solutions
Mahesh Dattani
Hayavadana
Girish Karnad
(iii) Poetry
Poem Title
Poet
Sonnet-29
William Shakespeare
The Rainbow
William Wordsworth
The Traveller
Walter De La Mare
Lead Kindly Light
Cardinal Newman
The Splendour Falls
Alfred Lord Tennyson
Ode to a Nightingale
John Keats
The Hollow Men
T.S. Eliot
Telephone Conversation
Wole Soyinka
A River
A.K. Ramanujan
(iv) Short Stories
Story Title
Author
A Snake in the Grass
R.K. Narayan
The Castaway
Rabindranath Tagore
The Man of the House
Frank O’Connor
The Flood
Kamala Markandaya
The Country of the Blind
H.G. Wells
The Basement Room
Graham Greene
(v) Essays
Essay Title
Author
Voluntary Poverty
M.K. Gandhi
Discipline for Daily Life
Lewis Mumford
The Civilization of To-day
C.E.M. Joad
Letter to a Teacher
Nora Rossi and Tom Cole (Trans.)
Kamala Nehru
Jawaharlal Nehru
3. History of the English Language
Book Title
Author
A History of the English Language
A.C. Baugh
Origins of the English Language
Joseph Willies
4. Phonetics
Book Title
Author
A Textbook of English Phonetics for Indian Students
Balasubramaniam
A Course in Phonetics
P. Ladefoged
Conclusion
This syllabus provides a comprehensive study of English Language and Literature, covering grammar, vocabulary, sentence structure, literary works (novels, poetry, short stories, and essays), phonetics, and the history of the English language. It ensures a well-rounded knowledge of English for both academic and practical purposes.
संस्कृत भाषा – पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम संस्कृत भाषा विज्ञान, साहित्य, वैदिक ग्रंथ, वेदांग, व्याकरण, शब्द रूप, धातु रूप और प्रमुख ग्रंथों के अध्ययन को शामिल करता है।
1. भाषा विज्ञान
संस्कृत भाषा के विकास, ध्वनि संरचना, शब्द रचना और व्याकरणिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाएगा।
2. संस्कृत साहित्य का इतिहास
संस्कृत साहित्य के विभिन्न कालों, महाकाव्य, काव्य, नाट्यशास्त्र, पौराणिक एवं लौकिक साहित्य का संक्षिप्त अध्ययन।
संस्कृत व्याकरण के निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाएगा:
(i) स्वर और व्यंजन
वर्ग
उदाहरण
स्वर (Vowels)
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ
व्यंजन (Consonants)
क, ख, ग, घ, ङ… म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह
(ii) व्याकरणिक तत्व
विषय
विवरण
वर्ण
ध्वनि संरचना
ध्वनि
उच्चारण के प्रकार
पद
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया आदि
वाक्य
संधि, समास, कारक, वचन आदि
प्रत्यय
कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय, स्त्री प्रत्यय
वाक्य रचना
संस्कृत वाक्य संरचना
6. प्रमुख संस्कृत ग्रंथ
ग्रंथ का नाम
रचनाकार
पूर्वमेध
कालिदास
उत्तररामचरित
भवभूति
अभिज्ञान शाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक)
कालिदास
कादम्बरी (शुकनाशोपदेश)
बाणभट्ट
भिक्षुपाल वध (प्रथम सर्ग)
अज्ञात
किरातार्जुनीयम् (प्रथम सर्ग)
भारवि
शिवराज विजय
अज्ञात
7. शब्द रूप
निम्नलिखित शब्दों के सातों विभक्तियों में रूप ज्ञात करने होंगे:
शब्द
उदाहरण
पुल्लिंग
बालक, मुनि, गुणिन्, साधु
स्त्रीलिंग
लता, नदी, युवती, लेखनी
नपुंसकलिंग
पयस्, वस्तु, आत्मन्
सर्वनाम
भवत्, अस्मद्, युष्मद्, तत् (तीनों लिंगों में)
8. धातु रूप
निम्नलिखित धातुओं के लट्, लोट्, विधिलिङ्, लङ् तथा लृट् लकारों में रूप ज्ञात करने होंगे:
धातु
अर्थ
पठ्
पढ़ना
गम्
जाना
दृश्
देखना
पा
पीना
हन्
मारना
भू
होना
अस्
होना
नृत्
नृत्य करना
लिख्
लिखना
दिश्
निर्देश देना
मुच्
छोड़ना
स्था
स्थिर रहना
यच्छ्
देना
शत्रु
शत्रु बनाना
अर्च्
पूजा करना
निष्कर्ष
यह संस्कृत पाठ्यक्रम भाषा, साहित्य, व्याकरण, वैदिक ग्रंथ, वेदांग, शब्द रूप और धातु रूप के अध्ययन को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करता है। इसमें महत्वपूर्ण ग्रंथों, विभक्तियों, धातु रूपों और संस्कृत साहित्य के इतिहास का समावेश किया गया है, जो छात्रों को एक व्यापक ज्ञान प्रदान करेगा।
पत्र – 3 (सामान्य ज्ञान)
इस परीक्षा का उद्देश्य अभ्यर्थी की सामान्य जानकारी, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, गणितीय एवं तार्किक क्षमता, कम्प्यूटर ज्ञान तथा झारखंड राज्य से संबंधित विशेष जानकारी की जाँच करना है।
(क) सामान्य अध्ययन
इसमें अभ्यर्थी की वर्तमान घटनाओं, समाज में उनके अनुप्रयोग तथा सामान्य ज्ञान की समझ को परखा जाएगा। मुख्यतः झारखंड, भारत और पड़ोसी देशों से जुड़े विषयों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
महत्वपूर्ण विषय
विषय
अध्ययन बिंदु
सम-सामयिक विषय
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ, वैज्ञानिक प्रगति, पुरस्कार
भारतीय इतिहास
संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन, आर्थिक परिदृश्य
भूगोल एवं पर्यावरण
भारत की भौगोलिक विशेषताएँ, प्राकृतिक संसाधन
भारतीय संविधान एवं राजनीति
संवैधानिक प्रावधान, पंचायती राज, राजनीतिक प्रणाली
भारतीय अर्थव्यवस्था
पंचवर्षीय योजनाएँ, सामुदायिक विकास
खेल एवं खिलाड़ी
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएँ
झारखंड राज्य
भूगोल, राजनीति, आर्थिक परिदृश्य
(ख) सामान्य विज्ञान
इस खंड में प्राकृतिक घटनाओं, दैनिक जीवन में विज्ञान के अनुप्रयोग एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान के बुनियादी प्रश्न शामिल होंगे।
मुख्य विषय
दैनिक जीवन में विज्ञान
भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की सामान्य जानकारी
वैज्ञानिक आविष्कार एवं खोज
स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी विषय
(ग) सामान्य गणित
इस भाग में गणित की बुनियादी समझ पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति एवं क्षेत्रमिति के प्रश्न 10वीं कक्षा के स्तर के होंगे।
महत्वपूर्ण विषय
विषय
अध्ययन बिंदु
अंकगणित
प्रतिशत, लाभ-हानि, अनुपात-समानुपात, औसत, संख्या प्रणाली
बीजगणित
सरल समीकरण, बहुपद, संख्याओं का गुणनखंड
ज्यामिति
रेखाएँ, कोण, त्रिभुज, चतुर्भुज, वृत्त
त्रिकोणमिति
त्रिकोणमितीय अनुपात, ऊँचाई एवं दूरी
क्षेत्रमिति
क्षेत्रफल, आयतन, घनफल, घनाभ, सिलेंडर, शंकु
(घ) मानसिक क्षमता जाँच
इस भाग में शाब्दिक एवं गैर-शाब्दिक तर्क से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
महत्वपूर्ण विषय
विषय
अध्ययन बिंदु
सादृश्यता एवं भिन्नता
पैटर्न की पहचान, तुलना
स्थान कल्पना
आकृतियों और संरचनाओं की समझ
समस्या समाधान
तर्क एवं विश्लेषणात्मक सोच
दृश्य स्मृति
चित्रों एवं संख्याओं की पहचान
अंकगणितीय तर्कशक्ति
संख्याओं एवं गणितीय पैटर्न की समझ
कोडिंग-डिकोडिंग
संख्यात्मक एवं वर्णमाला कोड
(ङ) कम्प्यूटर का मूलभूत ज्ञान
इस भाग में कम्प्यूटर की बुनियादी जानकारी से जुड़े प्रश्न होंगे, जो किसी भी सामान्य उपयोगकर्ता के लिए आवश्यक होते हैं।
यह सामान्य ज्ञान परीक्षा पाठ्यक्रम अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, गणितीय एवं तार्किक क्षमता, विज्ञान, कम्प्यूटर ज्ञान तथा झारखंड राज्य की जानकारी को परखने के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से अभ्यर्थी को परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
JSSC CGL FAQs
Q1. JSSC CGL क्या है?
उत्तर: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) एक राज्य स्तरीय भर्ती परीक्षा है, जिसके माध्यम से झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय पदों पर नियुक्ति की जाती है।